हत्याकांड में 12 को उम्रकैद की सजा
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इसके अलावा एक आरोपी महिला का मामला अदालत में विचाराधीन है. सजायाफ्ता लोगों में एक बाप-बेटा भी शामिल हैं.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरएन भारती की अदालत ने गुरुवार को दो वर्ष पहले हुए सिंगवाल गांव के बहुचर्चित वेदपाल हत्याकांड के लिए 12 लोगों को उम्र कैद और 6500-6500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. आरोपी महिला धनपति का मामला अभी भी विचाराधीन है.
अभियोजन सूत्रों के अनुसार, गांव मटौर (कैथल) निवासी वेदपाल सिंगवाल गांव में निजी क्लीनिक चलाता था. इसी दौरान वेदपाल को सोनिया से प्यार हो गया. नौ मार्च 2009 को वेदपाल और सोनिया घर से फरार हो गए और चंडीगढ़ आर्य समाज मंदिर में शादी करके हाई कोर्ट में पेश होकर सुरक्षा की गुहार लगाई.
उन्होंने बताया कि पंचायत चौधरियों के दबाव के चलते दोनों 21 जून को अलग-अलग हो गए थे. बाद में सोनिया का रिश्ता दूसरी जगह तय कर दिया गया. 21 जुलाई 2009 को वेदपाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी पत्नी को वापस दिलाने की मांग की थी.
हाई कोर्ट ने सूरजभान को वारंट अफसर नियुक्त कर 22 जुलाई रात को पुलिसबल के साथ सोनिया को लेने के लिए सिंगवाल भेजा था. वेदपाल के गांव पहुंचने की भनक लगते ही ग्रामीणों ने उस पर हमला कर दिया और पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी थी, जिसमें वारंट अफसर सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
पुलिस ने वेदपाल के भाई की शिकायत पर सोनिया के पिता धनराज, मां धनपति, भनवाला खाप के प्रधान दामदिया, पूर्व पंचायत समिति सदस्य धर्मपाल, पूर्व पंच रणधीर मेवा सिंह, शमशेर, महेंद्र, राजेश, रामकुमार, राममेहर, कृष्ण, सतपाल, गांव करोड़ा कैथल निवासी एवं अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवनजीत भनवाला के खिलाफ हत्या, सरकारी कार्य में बाधा डालने, मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया था.
सरकारी वकील सूरजभान लाउर ने बताया कि धनपति को भगोड़ा घोषित किया गया था और गत 17 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था, जिसके कारण उसका मामला अदालत में विचाराधीन है जबकि 12 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
गत 24 सितम्बर को अदालत ने पवनजीत भनवाला को बरी कर दिया, जबकि महिला धनपति को छोड़कर सभी 12 लोगों को दोषी करार दिया था.