दिल्ली में महिलाएं दिन में भी सुरक्षित नहीं

एक अध्ययन बताता है कि दिल्ली में महिलाएं दिन में भी सुरक्षित नहीं हैं.

दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए पुलिस भले ही हरसंभव कदम उठाने के दावे करती हो, लेकिन एक अध्ययन बताता है कि दिल्ली में महिलाएं दिन में भी सुरक्षित नहीं हैं.

सेंटर फॉर सोशल रिसर्च (सीएसआर) ने दिल्ली में जनवरी 2009 से जुलाई 2011 के बीच बलात्कार पीड़ितों द्वारा दर्ज कराई गई 58 प्राथमिकियों और चिकित्सकों की रिपोर्ट के आधार पर यह अध्ययन किया है.

अध्ययन कहता है कि इनमें से बलात्कार की सात घटनाएं सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे के बीच और 17 घटनाएं दोपहर 12 बजे से शाम छह बजे के बीच हुईं. 14 महिलाएं शाम छह बजे से मध्यरात्रि के बीच बलात्कार की शिकार हुईं.

रिपोर्ट तैयार करने में संगठन की मदद करने वाली कानूनी सलाहकार सौम्या भौमिक ने दावा किया कि मीडिया के अनुसार, दिल्ली पुलिस आयुक्त ने हाल ही में कहा था कि महिलाएं रात को अकेले बाहर नहीं निकलें. लेकिन हमारा अध्ययन साफतौर पर बताता है कि कोई महिला दिन के समय में भी सुरक्षित नहीं है.

आरोपियों की उम्र में भी कोई विशेष सीमा नहीं देखी गयी है. वे 18 वर्ष से कम और 50 वर्ष से अधिक उम्र के हो सकते हैं.दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए पर्याप्त उपाय किये जा रहे हैं.

राजधानी में बलात्कार के मामलों में इस वर्ष 11 फीसदी की कमी आई है.

Posted by राजबीर सिंह at 5:45 am.

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