दिल्ली हाईकोर्ट विस्फोट में तीन संदिग्धों को न्यायिक हिरासत
ताजा खबरें 8:08 pm
दिल्ली हाईकोर्ट विस्फोट मामले में जम्मू एवं कश्मीर से गिरफ्तार तीन संदिग्धों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
तीन संदिग्ध में से एक को निचली अदालत ने 15 दिन के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया, दूसरे को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
आबिद हुसैन, शारिक अहमद और आमिर अब्बास देव को एनआईए की टीम तीन दिन के ट्रांजिट रिमांड पर बुधवार को दिल्ली लाई थी. इनमें हुसैन को गुरुवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एच. एस. शर्मा की अदालत में पेश किया गया.
हुसैन को सुबह करीब 8.30 बजे पटियाला हाउस अदालत लाया गया था. एनआईए के अनुरोध पर मामले की सुनवाई बंद कमरे में हुई.
अदालत के एक कर्मचारी ने बताया, "सुनवाई करीब 45 मिनट तक चली. इस दौरान न्यायाधीश ने हुसैन से उसकी उम्र के बारे में पूछा, जिसके जवाब में उसने बताया कि वह बालिग है, नाबालिग नहीं. उसके प्रमाण पत्र में जन्म तिथि का उल्लेख नहीं है. "
कर्मचारी ने कहा, "एनआईए ने सात सितम्बर के बम विस्फोट के षड्यंत्र का खुलासा करने के लिए 15 दिन के लिए हुसैन की हिरासत मांगी थी. अदलत ने इसे स्वीकार करते हुए उसे पांच अक्टूबर तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया."
एक अन्य संदिग्ध देव को अदालत ने एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एनआईए के वकील अमित शर्मा ने कहा, "उसका कोई वकील नहीं था. उसे तिहाड़ जेल भेजा गया है. उसे शुक्रवार को फिर अदालत में पेश किया जाएगा."
तीसरे संदिग्ध अहमद को बाद में अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है.
दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर सात सितम्बर को हुए विस्फोट में 15 लोग मारे गए थे. देव को एनआईए ने जम्मू एवं कश्मीर से 16 सितम्बर को गिरफ्तार किया था और वह सात दिन से पुलिस हिरासत में था. हुसैन और अहमद को 13 सितम्बर को गिरफ्तार किया गया था. वे 10 दिन की पुलिस हिरासत में थे.
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 153-ए और 134-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एनआईए ने विस्फोट के साजिशकर्ताओं के बारे में सूचना देने वालों को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है.
तीन संदिग्ध में से एक को निचली अदालत ने 15 दिन के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया, दूसरे को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
आबिद हुसैन, शारिक अहमद और आमिर अब्बास देव को एनआईए की टीम तीन दिन के ट्रांजिट रिमांड पर बुधवार को दिल्ली लाई थी. इनमें हुसैन को गुरुवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एच. एस. शर्मा की अदालत में पेश किया गया.
हुसैन को सुबह करीब 8.30 बजे पटियाला हाउस अदालत लाया गया था. एनआईए के अनुरोध पर मामले की सुनवाई बंद कमरे में हुई.
अदालत के एक कर्मचारी ने बताया, "सुनवाई करीब 45 मिनट तक चली. इस दौरान न्यायाधीश ने हुसैन से उसकी उम्र के बारे में पूछा, जिसके जवाब में उसने बताया कि वह बालिग है, नाबालिग नहीं. उसके प्रमाण पत्र में जन्म तिथि का उल्लेख नहीं है. "
कर्मचारी ने कहा, "एनआईए ने सात सितम्बर के बम विस्फोट के षड्यंत्र का खुलासा करने के लिए 15 दिन के लिए हुसैन की हिरासत मांगी थी. अदलत ने इसे स्वीकार करते हुए उसे पांच अक्टूबर तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया."
एक अन्य संदिग्ध देव को अदालत ने एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एनआईए के वकील अमित शर्मा ने कहा, "उसका कोई वकील नहीं था. उसे तिहाड़ जेल भेजा गया है. उसे शुक्रवार को फिर अदालत में पेश किया जाएगा."
तीसरे संदिग्ध अहमद को बाद में अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है.
दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर सात सितम्बर को हुए विस्फोट में 15 लोग मारे गए थे. देव को एनआईए ने जम्मू एवं कश्मीर से 16 सितम्बर को गिरफ्तार किया था और वह सात दिन से पुलिस हिरासत में था. हुसैन और अहमद को 13 सितम्बर को गिरफ्तार किया गया था. वे 10 दिन की पुलिस हिरासत में थे.
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 153-ए और 134-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एनआईए ने विस्फोट के साजिशकर्ताओं के बारे में सूचना देने वालों को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है.
Posted by राजबीर सिंह
at 8:08 pm.