छुछाई मामला : मायावती ने ली नेताओं की क्लास
ज्योतिष, ताजा खबरें 6:15 am
मुनकाद अली की सफाई
लखीराम नागर गुरुवार को परीक्षितगढ़ सम्मेलन समाप्त होने के बाद इस गांव में गए। लखीराम ने उन्हें बताया कि गांव से ही उन्हें किसी का फोन आया कि महापंचायत समाप्त हो गई है, वह मृतक के परिजनों के यहां शोक संवदेना प्रकट करने जा रहे हैं। लखीराम नागर वहां पहुंचे तो उनके साथ विरोधी दल के नेताओं ने यह घटना की। अवतार सिंह भड़ाना ने रंजिशन यह सब कराया, जबकि सपा एमएलए शाहिद मंजूर किठौर से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में उनके समर्थकों ने भी यह सब किया।
..तो होता रामपुर तिराहा जैसा कांड
खुफिया विभाग ने छुछाई में गुरुवार को हुई घटना के बारे में शासन को जो रिपोर्ट भेजी, उसके अनुसार यदि लखीराम नागर के साथ हुए अभद्र व्यवहार के दौरान पुलिस कोई कार्रवाई करती तो दो अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर हुए कांड की पुनरावृत्ति हो जाती। खुफिया विभाग की इस रिपोर्ट पर पुलिस अफसरों ने वहां तैनात पुलिस स्टाफ के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है।
लखीराम मामले में नेताओं में विद्रोह
छुछाई में मंत्री लखीराम के साथ हुई अभद्रता पर वहां के ग्रामीण क्षुब्ध हैं। कुलदीप के पिता ने बताया कि गांव के अधिकतर लोग उन्हें इस घटना के लिए कोस रहे हैं। दूसरी ओर इस मामले में विभिन्न राजनैतिक दलों में भी विद्रोह हो गया है। सपा एमएलए शाहिद मंजूर व अतुल प्रधान ने स्पष्ट किया कि लखीराम नागर की घटना से उनका कोई लेना देना नहीं है। कमान तो सांसद अवतार सिंह भड़ाना ने संभाल रखी थी। अवतार भड़ाना व सपा एमएलए शाहिद मंजूर ने भी इस घटना पर खेद जताया। भड़ाना का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि यह घटना कैसे हुई। वह तो लखीराम का सम्मान करते हैं। उनके साथ जो कुछ हुआ वह दुखद है।