तासीर के हत्यारे पुलिसकर्मी को मौत की सजा

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की आतकंवाद विरोधी अदालत ने पंजाब प्रांत के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर की गोली मारकर हत्या करने वाले मलिक मुमताज हुसैन कादरी को सजा-ए-मौत सुनाई है। कादरी, तासीर का सुरक्षाकर्मी था। तासीर देश में ईश निंदा कानून में परिवर्तन की मांग कर रहे थे। जिससे कंट्टपंथी मुसलमान काफी नाराज थे।

सरकारी चैनल पीटीवी के मुताबिक रावलपिंडी की अदियाला जेल के बंद कमरे में हुई सुनवाई में न्यायाधीश परवेज अली शाह ने कादरी को हत्या के दो आरोपों और आतंकवाद के एक आरोप के तहत सजा सुनाई। कादरी ने इस्लामाबाद के एक रेस्त्रां के बाहर तासीर को गोलियों से भून दिया था। हत्या के बाद उसने आत्मसमर्पण कर दिया था। कादिर ने कभी अपने पर लगाए गए आरोपों को अस्वीकार नहीं किया।

अदालत की कार्रवाई शुरू करने से पहले जेल में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि कादरी ने सजा के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है या नहीं। कादिर ने न्यायाशीध से कहा, 'तासीर अधर्मी था। इसलिए मैने उसे मारा। वह पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून में परिवर्तन की मांग कर खुदा का अपमान कर रहा था।'

कादरी ने हत्या वाले दिन अपने एक आला अधिकारी से खुद को तासीर की सुरक्षा में तैनात करने की अपील थी। सुनवाई के दौरान गवाहों ने इस बात की पुष्टि की।

शुरुआती दिनों में कादरी को वकीलों और मदरसों के छात्रों ने हीरो करार दिया था। मामले की सुनवाई भी कई सप्ताह तक टलती रही क्योंकि कोई भी वकील उसके खिलाफ खड़ा नहीं होना चाहता था।

सलमान तासीर पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी [पीपीपी] के उदारवादी नेताओं में से थे। अत: हमेशा कंट्टरपंथियों के निशाने पर रहते थे। तासीर की हत्या के दो महीने बाद ईशनिंदा कानून की आलोचना करने वाले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शाहबाज भंट्टी को भी तालिबान ने उनके घर के निकट गोलियों से भून दिया था

Posted by राजबीर सिंह at 6:19 am.

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