अमर सिंह टैप कांड : भाग 1 (अमर सिंह और जयप्रकाश गौड़)
राजनीति, विशेष 11:04 am
आरोपों से परे यही अमर सिंह की हकीकत है. मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में (2003 से 2007) के दौरान अमर सिंह ने खूब मलाई काटी. उत्तर प्रदेश विकास परिषद का गठन करके अमर सिंह ने ठेका देने, एसईजेड बनाने की अनगिनत योजनाओं पर काम किया और उद्योगजगत में अपने आपको स्थापित किया. उनकी कुछ बातचीत रिकार्डिंग में है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक होने से स्टे आर्डर दे रखा था। वह स्टे आर्डर हटा लिया गया है. इसलिए अमर सिंह के कुछ टेपों को हम यहां सार्वजनिक कर रहे हैं. इस कड़ी में पहला टेप जिसमें अमर सिंह जयप्रकाश इंडस्ट्रीज के मालिक और मायावती के करीबी उद्योगपति जयप्रकाश गौड़ से बातचीत कर रहे हैं.
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फोन की घंटी बजती है. अमर सिंह के घर पर रिसेप्शन पर फोन उठता है. फोन उठानेवाला कहता है कि श्री अमर सिंह के घर से बोल रहा हूं. फोन करनेवाला व्यक्ति बताता है कि वह जेपी इंडस्ट्रीज से बोल रहा है और जयप्रकाश गौड़ साहब अमर सिंह से बात करना चाहते हैं. पूरी बातचीत आप टेप पर सुन सकते हैं. बातचीत इस प्रकार है-
अमर सिंह- हैलो
जयप्रकाश गौड़- नमस्कार। जयप्रकाश बोल रहा हूं.
अमर सिंह- नमस्कार जी, दीपावली की बड़ी शुभकामनाएं.
जयप्रकाश गौड़- आपको भी बहुत हों.
अमर सिंह- और बहुत प्रणाम आपको.
जयप्रकाश गौड़- अरे आपको भी.
अमर सिंह- चुर्क की सीमेन्ट फैक्टरी लेना चाहते हैं?
जयप्रकाश गौड़- ऐं
अमर सिंह- मिर्जापुर के चुर्क की सीमेन्ट फैक्टरी लेंगे आप?
जयप्रकाश गौड- हां बिल्कुल। वो बिड है पंद्रह तारीख।
अमर सिंह- हां जी।
जयप्रकाश गौड़- वो बिड है पंद्रह तारीख को।
अमर सिंह- हां बिड है।
जयप्रकाश गौड़- अवश्य लेंगे साहब।
अमर सिंह- अच्छा।
जयप्रकाश गौड़- वो ऐसा है रीवां के अंदर फंसे हुए हैं तो हमें ये शूट करेगा.
अमर सिंह- अच्छा, शूट करेगा।
जयप्रकाश गौड़- हां। साइडी मिलती हैं न उसमें. रेलवे की साइडें मिल जाती हैं. रीवां में साइडे नहीं हैं हमारे पास.
अमर सिंह- हां हां।
जयप्रकाश गौड़- तो वो डिसअडवान्टेज हमेशा रहता है.
अमर सिंह- आपकी कम्पटीशन लाफार्ज से है.
जयप्रकाश गौड़- हां लाफार्ज से है.
अमर सिंह- और बिड़ला से है.
जयप्रकाश गौड़- हां, बिड़ला से है और एक डालमिया से है.
अमर सिंह- देखिए आपने तो बताया नहीं लेकिन हम आपका कितना ख्याल रखते हैं।
जयप्रकाश गौड़- हां ख्याल तो रखते हैं. बिल्कुल। अब कब मिलें?
अमर सिंह- आप ही नहीं मिलते।
जयप्रकाश गौड़- नहीं आप बिहार में बिजी थे इसलिए फोन नहीं किया। तीन तारीख को मैं रहूंगा दिल्ली में।
अमर सिंह- तीन तारीख को तो आपके गुरूनानक भी आ रहे हैं दिल्ली में।
जयप्रकाश गौड़- (हंसते हुए) सुनिये हमारे नानक यहां बैठे हुए हैं. जो बोल रहे हैं. समझे साहब।
अमर सिंह- आइये स्वागत है. तीन तारीख को मिलते हैं. हम भी रहेगे.





