जरूरत से ज्यादा बोल गये राहुल गांधी

कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी, ज़रुरत से ज्यादा बोल गए हैं. अफवाहों को सूचना मानकर उन्होंने एक बहुत बड़ी राजनीतिक गलती की है. ग्रेटर नोयडा के एक गाँव भट्टा में पुलिस अत्याचार के बाद ७४ लोगों के मारे जाने की बात करके उन्होंने केवल अपने अज्ञान का प्रदर्शन किया है, बल्कि ग्रामीण भारत की अपनी समझ को बहुत ही बचकाने स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है.

यह सच है कि उन्हें ग्रामीण लोगों की सामाजिक संरचना की समझ नहीं है . उनको बताने वाले बहुत सारे लोग हैं लेकिन उनको बताने वालों की समझ भी अब शक़ के घेरे में है. ७४ लोगों के मारे जाने वाली उनकी बात को खैर कोई नहीं मानेगा. सरकारी तौर पर उसका खंडन भी कर दिया गया है.

गाँव के लोग भी उनकी इस बात का मजाक उड़ा रहे हैं. सवाल पूछे जा रहे हैं कि जब भट्टा पारसौल और उसके आस पास के गाँवों के सारे लोग अपने घरों में मौजूद हैं तो क्या मारने के लिए ७४ लोगों को पुलिस वाले कहीं और से लाये थे. उपलों के बीच लोगों जला दिए जाने का उनका दावा हास्यास्पद भी नहीं है. बिलकुल तरस खाने लायक है .लेकिन इससे भी घटिया काम राहुल गांधी ने किया है।

बिना सच को जाने समझें उन्होंने महिलाओं और लड़कियों के बलात्कार की बात कर दी. जबकि गाँव से जो जानकारी मिल रही है ,उसके हिसाब से कहीं कोई रेप नहीं हुआ.

अगर राहुल गांधी को ग्रामीण सामाजिक संरचना की मामूली जानकारी भी होती तो वे मुंह उठा कर किसी गाँव की महिलाओं के रेप की बात को इतनी गैरजिम्मेदारी से न कहते. शायद उन्हें मालूम नहीं कि उनकी इस बात से उस इलाके के लोगों को कितनी तकलीफ हुई होगी.

रेप के साथ जिस तरह की नकारात्मक बातें जुडी हैं, उसके चलते रेप की बात को लोग खुलेआम नहीं करते. लेकिन राहुल गांधी ने रेप की बेबुनियाद बात को प्रचारित करके महिलाओं को अपमान का विषय बना दिया है. होना यह चाहिये था कि अगर उन्हें उन गावों में किसी रेप की बात का पता चला था तो उसकी सच्चाई को समझने की कोशिश करते और फिर इतने नाजुक मसले पर कोई टिप्पणी करते.

लेकिन अपने वोटों को पक्का करने के चक्कर में राहुल गाँधी इतनी जल्दी में हैं कि औरतों की आबरू जैसे विषय को भी बहुत ही छिछोरपन के साथ उठा रहे हैं. उन्हें भट्टा पारसौल की महिलाओं के बारे में हल्की टिप्पणी करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी.

कांग्रेस ने किया बचाव: ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल में महिलाओं के साथ बलात्कार एवं जलाए गए शवों को लेकर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बयानों के बाद उठे विवाद को शांत करने के लिए उनकी कांग्रेस पार्टी उनके बचाव में उतर आई है. कांग्रेस के मुताबिक राहुल ने यह कभी नहीं कहा कि वहां 74 लोग मारे गए हैं. पार्टी के प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "राहुल गांधी ने केवल वही कहा था जो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात के समय ग्रामीणों ने उनसे कहा था।"

वहीं कांग्रेस राहुल की मांग पर कायम है कि भट्टा पारसौल में महिलाओं के साथ बलात्कार और शवों को जलाए जाने के आरोपों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को एक न्यायिक जांच का आदेश दे। द्विवेदी ने पत्रकारों से कहा, "मीडिया में जो कुछ भी बताया गया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। राहुल गांधी ने 74 शवों के जलाए जाने की बात कभी नहीं कही। राहुल ने बस इतना कहा था कि एक स्थान पर फैले राख की ढेर में अस्थियां पाई गई हैं।"

Posted by राजबीर सिंह at 4:35 am.

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