उ.प्र. में फैल सकती है किसान आंदोलन की आग!
राजनीति 5:01 am
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा, आगरा और अलीगढ़ के बाद राज्य के कुछ अन्य स्थानों पर भी किसान आन्दोलन की आग भड़क सकती है क्योंकि वहां भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो रही है।
इन स्थानों में मुख्य रुप से लखनऊ, फैजाबाद और आजमगढ़ शामिल हैं। लखनऊ में तो किसानों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सामने दस जून को महापंचायत बुला ली है। आजमगढ़ का मामला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दरबार तक जा पहुंचा है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने प्रबंधनगर योजना-1 के लिए 451.218 हेक्टेयर और प्रबंधनगर योजना-2 के लिए 324.633 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की है। इस योजना में थैलागांव, ककौली और अल्लूनगर गांवों की जमीन अधिग्रहित की जानी है।
सरकार 4.50 से 7.50 लाख रुपये प्रति बीघा दे रही है जबकि किसानों की मांग 40 लाख रुपये प्रति बीघे है।
चिनहट के पास करीब 900 एकड़ जमीन आवास विकास ने दस साल पहले अधिग्रहित की थी। मुआवजे में विवाद होने के कारण कब्जे की कार्रवाई अभी भी लम्बित है। किसान अपनी जमीन मिल रही मुआवजे की राशि पर नहीं देना चाहता, इसलिए आन्दोलन का रास्ता पकड़ रहा है।
सहारा समय से साभार
इन स्थानों में मुख्य रुप से लखनऊ, फैजाबाद और आजमगढ़ शामिल हैं। लखनऊ में तो किसानों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सामने दस जून को महापंचायत बुला ली है। आजमगढ़ का मामला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दरबार तक जा पहुंचा है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने प्रबंधनगर योजना-1 के लिए 451.218 हेक्टेयर और प्रबंधनगर योजना-2 के लिए 324.633 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की है। इस योजना में थैलागांव, ककौली और अल्लूनगर गांवों की जमीन अधिग्रहित की जानी है।
सरकार 4.50 से 7.50 लाख रुपये प्रति बीघा दे रही है जबकि किसानों की मांग 40 लाख रुपये प्रति बीघे है।
चिनहट के पास करीब 900 एकड़ जमीन आवास विकास ने दस साल पहले अधिग्रहित की थी। मुआवजे में विवाद होने के कारण कब्जे की कार्रवाई अभी भी लम्बित है। किसान अपनी जमीन मिल रही मुआवजे की राशि पर नहीं देना चाहता, इसलिए आन्दोलन का रास्ता पकड़ रहा है।
सहारा समय से साभार
Posted by राजबीर सिंह
at 5:01 am.