"द इकोनामिस्ट" के भारत में बिक्री पर सरकार ने लगाया बैन

आर्थिक मामलों पर छपनेवाली पत्रिका इकोनामिस्ट के इस अंक को भारत में बिक्री पर सरकार ने बैन लगा दिया है. इसके साथ ही कस्टम विभाग ने पत्रिका की भारत पहुंची सभी कापियों को जब्त कर लिया है.

इकोनामिस्ट के ताजा अंक में भारत पाकिस्तान और चीन के बीच एक विवादास्पद नक्शा प्रकाशित किया गया है जिसमें सिर्फ कश्मीर पर पाकिस्तान का दावा दिखाया गया है बल्कि अरुणाचल प्रदेश को भी विवादास्पद हिस्सा बताते हुए इसे चीन का हिस्सा बताया है.

द इकोनामिस्ट के पिछले अंक में भारत पाकिस्तान और चीन की सीमा समस्या पर आवरण कथा है. इसमें यह साबित करने की कोशिश की गयी है कि भारत पाकिस्तान की सीमा दुनिया में सबसे विवादास्पद सीमा है. पश्चिमी मीडिया पहले भी इस तरह की बदमाशी करते रहे हैं. भारतीय उपमहाद्वीप में सीमा विवाद के बहाने इकोनामिस्ट ने ओसामा बिन लादेन की मौत से ध्यान हटाकर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती खाईं को पाटने और पाकिस्तान का रूख भारत की ओर करने का प्रयास किया है. इस विवादास्पद नक्से में न केवल कश्मीर की भौगोलिक स्थिति को विवादास्पद तरीके से दर्शाया गया है बल्कि अरुणाचल प्रदेश पर भी चीन के दावे को जायज ठहराया गया है.

भारत में करीब 28 हजार प्रतियां बिकनेवाली इकोनामिस्ट को भारत सरकार का यह बैन नागवार गुजरा है. द इकोनामिस्ट के प्रधान संपादक जॉन मैकलवेट ने एएफपी एजंसी से बातचीत में कहा है कि भारत में अपनी बात कहने की आजादी है लेकिन इस मसले पर भारत सरकार ने चीन और पाकिस्तान से भी खराब रुख अख्तियार किया है.

हालांकि जान ने स्वीकार किया कि चीन में भी संपूर्ण अंक वितरित नहीं किया गया है लेकिन उसके कारण दूसरे हैं. जॉन ने भारत सरकार के इस कड़े रूख की आलोचना करते हुए कहा है कि दुनिया में कोई भी देश इतना तानाशाही रवैया अख्तियार नहीं करेगा जैसा कि भारत सरकार ने अख्तियार किया है.

Posted by राजबीर सिंह at 11:44 am.

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