मेरी टीम में फूट डालने के भागीरथी प्रयास: अन्ना हजारे
ताजा खबरें, राजनीति 5:40 am
आँखों देखी न्यूज़ संवाददाता : अन्ना हजारे ने जनलोकपाल विधेयक की कोर कमेटी के सदस्यों अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण को हटाने जैसी अफवाहों को सिरे से खारिज किया है.
समाचार पत्र ने यह भी उल्लेख किया है कि उसी के परिणामस्वरूप अन्ना अपनी कोर कमेटी के दो महत्वपूर्ण सदस्यों को टीम से निकालना चाहते हैं. इन दो नामों में शामिल हैं अरविंद केजरीवाल और प्रशांतभूषण.
हालांकि अन्ना ने न्यूयॉर्क टाइम्स की इन खबरों का खंडन करते हुए कहा है कि उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया गया है.
उन्होंने अपने जवाब में कहा कि केजरीवाल और भूषण को कोर कमेटी से हटाने का सवाल ही नहीं उठता. केजरीवाल और भूषण को हटाने की खबरे झूठी हैं.
इसके अलावा अन्ना ने पत्रकार को इंटरव्यू का ऑडियो टेप पेश किए जाने की भी चुनौती दी है.
समाचार पत्र से एक इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया था, ‘आपके सहयोगियों में प्रशांत भूषण हैं जो आर्थिक उदारीकरण की आलोचना करते हैं और अरविंद केजरीवाल हैं जिनकी प्रधानमंत्री के बारे में बेहद कड़े बयानों के लिए आलोचना की जाती रही है. क्या आप उनसे सहमत हैं और क्या आपकी टीम में वरिष्ट नेताओं के बीच मतभेद हैं ?’
समाचार पत्र के मुताबिक इसके जवाब में अन्ना ने कहा कि ' मैं उन्हें बदलने की कोशिश करूंगा. कुछ ईगो प्रॉब्लम्स थीं. सरकार की तरफ से चिदंबरम और कपिल सिब्बल थे. हमारी तरफ से भी कुछ समस्या थी. न तो मुझे सही फीड बैक मिल रहा था और न प्रधानमंत्री को. इससे हालात थोड़े जटिल हो गए. '
अन्ना ने कहा कि बाद में विलासराव देशमुख और अन्य मंत्री आए और प्रधानमंत्री से हमारा सीधा संपर्क स्थापित हुआ. विलासराव से मेरे पुराने संबंध हैं. इसके बाद मामला सुलझा लिया गया. वे (केजरीवाल और भूषण) अच्छे लोग हैं. उन्हें बदलने की जरूरत है. मैं उन्हें बदल दूंगा. '
जबकि हजारे का कहना है कि उनसे टीम के सदस्यों में मतभेद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टीम सदस्यों को कोई परेशानी नहीं है. अगर हमारे बीच कोई समस्या है तो हम उसे दूर करने की कोशिश करेंगे. लेकिन पत्रकारों ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है.
गौरतलब है रामलीला मैदान में अनशन के दौरान सरकार से बातचीत को लेकर टीम अन्ना को अपार जनसमर्थन मिला, बावजूद इसके टीम पर भी कई सवाल उठे थे.
ऐसा कहा जा रहा था कि टीम अन्ना में भी मतभेद है. अन्ना की टीम से स्वामी अग्निवेश के अलग हो जाने से इस बात को और बल मिला था. हालांकि बाद में अन्ना ने कहा था कि वह स्वामी अग्निवेश का काम देखकर उन्हें दोबारा मौका दे सकते हैं.
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सबको होशियार करते हुए कहा कि टीम अन्ना के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार किया जा रहा है. टीम के सदस्यों के बीच फूट डालने और उनके आपसी मतभेद की बात फैलाने की भी कोशिश की जा रही है.
ज्ञात हो कि एक अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अन्ना दिल्ली में चल रहे अपने देशव्यापी आंदोलन के दौरान टीम के सदस्यों से संतुष्ट नहीं थे.
समाचार पत्र ने यह भी उल्लेख किया है कि उसी के परिणामस्वरूप अन्ना अपनी कोर कमेटी के दो महत्वपूर्ण सदस्यों को टीम से निकालना चाहते हैं. इन दो नामों में शामिल हैं अरविंद केजरीवाल और प्रशांतभूषण.
हालांकि अन्ना ने न्यूयॉर्क टाइम्स की इन खबरों का खंडन करते हुए कहा है कि उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया गया है.
उन्होंने अपने जवाब में कहा कि केजरीवाल और भूषण को कोर कमेटी से हटाने का सवाल ही नहीं उठता. केजरीवाल और भूषण को हटाने की खबरे झूठी हैं.
इसके अलावा अन्ना ने पत्रकार को इंटरव्यू का ऑडियो टेप पेश किए जाने की भी चुनौती दी है.
समाचार पत्र से एक इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया था, ‘आपके सहयोगियों में प्रशांत भूषण हैं जो आर्थिक उदारीकरण की आलोचना करते हैं और अरविंद केजरीवाल हैं जिनकी प्रधानमंत्री के बारे में बेहद कड़े बयानों के लिए आलोचना की जाती रही है. क्या आप उनसे सहमत हैं और क्या आपकी टीम में वरिष्ट नेताओं के बीच मतभेद हैं ?’
समाचार पत्र के मुताबिक इसके जवाब में अन्ना ने कहा कि ' मैं उन्हें बदलने की कोशिश करूंगा. कुछ ईगो प्रॉब्लम्स थीं. सरकार की तरफ से चिदंबरम और कपिल सिब्बल थे. हमारी तरफ से भी कुछ समस्या थी. न तो मुझे सही फीड बैक मिल रहा था और न प्रधानमंत्री को. इससे हालात थोड़े जटिल हो गए. '
अन्ना ने कहा कि बाद में विलासराव देशमुख और अन्य मंत्री आए और प्रधानमंत्री से हमारा सीधा संपर्क स्थापित हुआ. विलासराव से मेरे पुराने संबंध हैं. इसके बाद मामला सुलझा लिया गया. वे (केजरीवाल और भूषण) अच्छे लोग हैं. उन्हें बदलने की जरूरत है. मैं उन्हें बदल दूंगा. '
जबकि हजारे का कहना है कि उनसे टीम के सदस्यों में मतभेद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टीम सदस्यों को कोई परेशानी नहीं है. अगर हमारे बीच कोई समस्या है तो हम उसे दूर करने की कोशिश करेंगे. लेकिन पत्रकारों ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है.
गौरतलब है रामलीला मैदान में अनशन के दौरान सरकार से बातचीत को लेकर टीम अन्ना को अपार जनसमर्थन मिला, बावजूद इसके टीम पर भी कई सवाल उठे थे.
ऐसा कहा जा रहा था कि टीम अन्ना में भी मतभेद है. अन्ना की टीम से स्वामी अग्निवेश के अलग हो जाने से इस बात को और बल मिला था. हालांकि बाद में अन्ना ने कहा था कि वह स्वामी अग्निवेश का काम देखकर उन्हें दोबारा मौका दे सकते हैं.
Posted by राजबीर सिंह
at 5:40 am.