नोएडा प्राधिकरण और किसानों ने समझौते पर हस्ताक्षर किये
उत्तर प्रदेश, एन सी आर, क्षेत्रीय, ताजा खबरें 9:17 pm
नोएडा एक्सटेंशन समेत 40 गांवों में हाईकोर्ट का फैसला लागू करने के लिए बुधवार को प्रदेश सरकार के मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह, सांसद सुरेंद्र नागर की मौजदूगी में किसानों व प्राधिकरण के बीच समझौते पर मुहर लग गई.
समझौता करने वाले किसानों ने फिलहाल सुप्रीम कोर्ट न जाने की बात कही है. अदालत के आदेश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण किसानों को 64 फीसद मुआवजा वितरित करेगा. जिससे प्राधिकरण पर करीब पांच हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
समझौते से पूर्व प्राधिकरण व किसानों के बीच कई दौर की वार्ताएं भी हुई. प्राधिकरण उन सभी 40 गांवों के किसानों को लाभ देगा, जो कोर्ट गए हैं या नहीं. यानी हर किसान को इसका लाभ मिलेगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद कुछ किसानों ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी. यदि किसान सुप्रीम कोर्ट चले जाते हैं तो मामला फिर लटक सकता है. लिहाजा प्रदेश सरकार ने मंत्री जयवीर सिंह व सांसद सुरेंद्र नागर को किसानों के साथ समझौता करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
बुधवार को नोएडा के सेक्टर-61 स्थित जयवीर सिंह के आवास पर विभिन्न गांवों के सैकड़ों किसानों को बुलाया गया और उन्हें समझाया गया कि सुप्रीम कोर्ट जाने से सिर्फ समय की बर्बादी है.
प्राधिकरण के सीईओ/चेयरमैन रमा रमण और किसानों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई. कुछ शर्तों के साथ किसानों ने प्राधिकरण के साथ समझौता कर लिया. समझौता पत्र पर मंत्री जयवीर सिंह, सांसद सुरेंद्र नागर, सीईओ रमा रमण व किसानों ने हस्ताक्षर किये हैं.
उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कुछ माह पूर्व पतवाड़ी गांव के किसानों के साथ समझौता किया था. उसी तर्ज पर आज 40 गांवों के किसानों के साथ समझौता किया गया है. किसानों ने मांग रखी कि आबादी छोड़ने पर प्राथमिकता दी जाए. प्राधिकरण किसानों को सबसे पहले आबादी छोड़ने का पत्र देगा. इसके बाद ही किसान मुआवजा उठायेंगे.
कोर्ट के आदेश पर किसानों को 10 प्रतिशत जमीन विकसित क्षेत्र में मिलेगी. यह काम एक माह के अंदर पूरा कर दिया जाएगा. किसानों को प्राधिकरण छोटे-छोटे विकसित भूखण्ड देंगा.
बैकलीज की सभी शर्तें वापस ले ली गयी हैं. क्षेत्र के अस्पतालों, खेलकूद के मैदान व कालेजों में सुधार किया जाएगा. यदि किसान समझौते पर कायम रहे तो नोएडा एक्सटेंशन के करीब 70 बिल्डरों को राहत मिल जाएगी. बिल्डरों के प्रोजेक्ट एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की मंजूरी के बाद ही शुरू हो सकेंगे.