अयोध्या में यथास्थिति की अवधि बढ़ी


अयोध्या में विवादित रामजन्म भूमि परिसर में यथास्थिति बनाये रखने की अवधि 31 अगस्त तक बढ़ा दी गई है.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अयोध्या में विवादित रामजन्म भूमि परिसर में यथास्थिति बनाये रखने की अवधि 31 अगस्त तक बढ़ा दी है.

यह अवधि 31 मई को समाप्त होने वाली थी. अदालत ने अयोध्या के विवादित स्थल पर स्वामित्व संबंधी दावों पर पिछले वर्ष 30 सितम्बर को सुनाये गये

आदेश के बारे में आयी आपत्तियों को निस्तारित करते हुए अपने कार्यालय को इस संबंध में डिक्री को आखिरी रूप देने का भी निर्देश दिया है.

स्वामित्व संबंधी दावों के एक पक्षकार हिन्दू महासभा के अधिवक्ता हरिशंकर जैन के अनुसार, न्यायमूर्ति एसयू खान, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेन्द्र कुमार दीक्षित की विशेष पीठ ने स्पष्ट किया है कि सितम्बर में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने इस मुद्दे पर चूंकि अलग-अलग निर्णय सुनाये थे इसलिए डिक्री को आखिरी रूप देने के लिए बहुमत को आधार बनाया जायेगा.

अदालत ने विवादित स्थल के रिसीवर फैजाबाद के मंडलायुक्त के प्रार्थनापत्र पर रामलला के अस्थायी मंदिर के लिए हुए निर्माण में मूल ढांचे में बिना हेरफेर के मरम्मत की अनुमति प्रदान कर दी है.

जैन ने यह भी बताया कि एक पक्षकार की तरफ से आये आवेदन पर अदालत ने मुकदमे के सुनाये गये निर्णय में उल्लिखित सभी धार्मिक और ऐतिहासिक पुस्तकों की सूची तैयार करने की भी बात मान ली है, ताकि उसे साक्ष्य के रूप में सुरक्षित रखा जा सके.

विशेष पीठ की अगली बैठक 20 मई को निर्धारित की गयी है।

सहारा समय से साभार

Posted by राजबीर सिंह at 3:10 am.

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