प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का निर्णय पार्टी करेगी : लालकृष्ण आडवाणी
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आडवाणी की मंगलवार से शुरू हो रही 38 दिवसीय जन चेतना यात्रा से पूर्व खुद को उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना से इंकार नहीं करते हुए सोमवार को कहा कि समय आने पर इस बारे में पार्टी निर्णय करेगी.
आडवाणी 11 अक्टूबर यानी जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन पर उन्हीं के जन्मस्थान सिताब दियारा से भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी रथयात्रा शुरू करने जा रहे हैं.
जन चेतना यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले नई दिल्ली में सवालों के जवाब में उन्होंने कहा,‘प्रधानमंत्री कौन बनेगा, यह चुनाव आने पर पार्टी तय करेगी. अभी ऐसा कोई निर्णय नहीं किया जा रहा है. चुनाव में अभी तीन वर्ष शेष हैं. यह अलग बात है कि सरकार जिस तरह का आचरण कर रही है, उससे लगता है कि यह किसी भी समय गिर सकती है.’
आडवाणी ने कहा,‘जनता यह अवश्य सोच रही है कि इस सरकार को तीन साल और कैसे ढोया जाए... तथ्य यह है कि कौन नेता (प्रधानमंत्री) बनेगा, यह निर्णय पार्टी को करना है. हमारे यहां नेताओं की कमी नहीं है.’उन्होंने हालांकि, यह नहीं कहा है कि वह प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हैं, लेकिन ऐसी किसी संभावना से साफ इंकार नहीं कर उन्होंने इस मामले के रहस्य को बरकरार रखा है.
आडवाणी ने हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से नागपुर में हाल में मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री के प्रश्न पर कहा था कि पार्टी और देश ने उन्हें जो दिया है वह प्रधानमंत्री पद से अधिक है.
बताया जाता है कि आडवाणी की मंगलवार से शुरू हो रही देशव्यापी रथ यात्रा की घोषणा से प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखने वाले भाजपा के कई वरिष्ठ नेता खुश नहीं हैं. इनमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम भी लिया जा रहा है.
मोदी से नहीं हुई बात
लालकृष्ण आडवाणी ने उन खबरों को गलत बताया कि उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से कथित मतभेदों को दूर करने के लिए उनसे बात की है.
अपनी 38 दिवसीय जन चेतना यात्रा से पूर्व उन्होंने कहा कि पार्टी के सामने कई सारे प्रश्न और मुद्दे हैं जिनसे उसे निपटना है. उन्होंने कहा,‘मैं स्वयं हैरान हूं ऐसी खबरों के बारे में. पिछले दो-तीन दिनों में मैंने मोदी से कोई बात नहीं की और लोग तमाम तरह की कहानियां लिख रहे हैं.‘
आडवाणी ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने मोदी से बात की थी और मोदी ने उनसे कहा था कि यात्रा के गुजरात पहुंचने पर वह मौजूद रहेंगे और उनका स्वागत करेंगे.
संप्रग में नेतृत्व का संकट
लाल कृष्ण आडवाणी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में नेतृत्व का संकट बताते हुए कहा है कि इसकी गलत नीतियों से भ्रष्टाचार और महंगाई की मार सह रही जनता का धैर्य अब जवाब दे गया है और उनमें सरकार के प्रति गहरा आक्रोश है.
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है जिसका असर निवेश पर भी पड़ा है. भ्रष्टाचार से निपटने के लिए शासन तंत्र को जवाबदेह बनाना समय की जरूरत है. नागरिक संगठनों ने भ्रष्टाचार के मामले में अभियान चलाकर बहुत बडी राष्ट्र सेवा की है हालांकि यह भी सच है कि राजनीतिक पार्टियां ही संसदीय लोकतंत्र का सार और ताकत हैं.
इसी को ध्यान में रखते हुए जन चेतना यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया है जिससे कि लोगों का राजनीति में विश्वास बना रहे. भाजपा प्रभावी लोकपाल के प्रति वचनबद्ध है और राजग शासित राज्य सरकारों के शासन से इसका पता भी चलता है.