पिता की बीमारी और कर्जदारों के हंगामे से परेशान किशोरी ने फांसी लगा जान दी।

मेरठ, : पिता की बीमारी और कर्जदारों के हंगामे से परेशान किशोरी ने रविवार को सुबह फांसी लगाकर जान दे दी। पोस्टमार्टम न कराने को लेकर पुलिस को मोहल्ले वालों का विरोध झेलना पड़ा। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को राजी कर सकी।

माधवपुरम सेक्टर-3 निवासी प्रसाद वर्मा और उनकी पत्नी गोमती मजदूरी कर गुजर-बसर करते हैं। परिवार में चार बेटियां और बेटा है। टीबी की बीमारी के चलते प्रसाद पर काफी कर्ज है। कम आय और बड़े परिवार के खर्च के कारण कर्ज और ब्याज प्रसाद व परिवार पर बोझ की तरह बढ़ता गया। आए दिन लेनदारों का घर पर हंगामा होता। कई बार नौबत मारपीट तक पहुंच गई। राजकीय इंटर कालेज में नौवीं कक्षा की छात्रा और परिवार की सबसे बड़ी बेटी पूजा वर्मा घर के इन हालात से बेहद तनाव में थी। दोपहर करीब 11.30 बजे पूजा ने अपने कमरे में पंखे में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस पहुंची। मगर, पोस्टमार्टम नहीं कराने को लेकर परिजनों व मोहल्ले वालों ने विरोध किया। तीन घंटे हंगामे के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पूजा की मां गोमती का कहना है कि पूजा बदहाली को लेकर काफी दिनों से तनाव में थी।

Posted by राजबीर सिंह at 12:03 am.

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