दीवाली पर दिया आरबीआई ने झटका, ब्याज़ दरें बढाने की घोषणा

आरबीआई ने मंगलवार को 13वीं बार ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी करते हुए होम, कार व पर्सनल लोन में एक चौथाई फीसदी की बढ़ोत्तरी का एलान किया.

भले ही महंगाई दर पर काबू करने के लिए ये बढ़ोत्तरी की हो लेकिन इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ने वाला है. इसके बाद होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन के साथ सभी लोन महंगे हो जाएंगे.

रेपो रेट वो दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को ऋण देता है, जबकि रिवर्स रेपो में रिजर्व बैंक उसके पास बैंकों की जमा धनराशि पर ब्याज देता है. वहीं सीआरआर में बैंकों को तय अनुपात में रकम आरबीआई के पार जमा करनी पड़ती है.

इससे पहले सोमवार को आरबीआई ने व्यापक आर्थिक और मौद्रिक विकास की दूसरी तिमाही का लेखाजोखा पेश किया था.

आरबीआई का कहना है कि गेहूं, चावल और दाल को छोड़कर अन्य खाद्य पदार्थों की मांग और सप्लाई में असंतुलन और न्यूनतम समर्थन मूल्य में बड़े पैमाने पर संशोधन के कारण खाद्य पदार्थ महंगे ही रहेंगे.आने वाले दिनों में घरेलू वस्तुओं पर अच्छा खासा दबाव बना रहेगा.

गौरतलब है कि आरबीआई महंगाई को रोकने के लिए लगातार ब्याज दर बढ़ाए जा रहा है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक एवं ऋण नीति की समीक्षा में आज रेपो, रिवर्स रेपो में तत्काल प्रभाव से एक चौथाई प्रतिशत की वृद्धि कर दी. साथ ही अब रिवर्स रेपो दर बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो गयी है. मार्च 2010 से अब तक यह 13वीं बढ़ोत्तरी है.

रेपो दर अब 8.5 फीसदी और रिवर्स रेपो दर 7.5 फीसदी हो गई है. रेपो दर वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है. इसके विपरीत रिजर्व बैंक के पास जो पैसा अन्य बैंक जमा रखते हैं उस पर मिलने वाली ब्याज दर को रिवर्स रेपो दर कहते हैं.

कुल मिलाकर बढ़ती महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों का घर और कार का सपना दूर होता दिख रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने ऊंची ब्याज दरों से आर्थिक विकास में सुस्ती आने के बावजूद आज अल्पकालिक ऋण दरों (रेपो और रिवर्स रेपो) में डेढ़ वर्षों में 13वीं बार बढ़ोत्तरी कर दी है.

महंगाई को नियंत्रित करने के उद्देश्य से इन दरों में की जा रही वृद्धि से बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के आवास, कार और व्यक्तिगत ऋण पर ब्याज दरों के साथ ही जमा दरो में भी वृद्धि किए जाने की संभावना है. कुछ बैंकों ने हाल ही में जमा दरो में बढ़ोत्तरी की है लेकिन आज की वृद्धि के मद्देनजर फिर से ब्याज दरें बढ़ाना तय माना जा रहा है.

साथ ही आरबीआई ने कहा है कि दिसम्बर में होनेवाली मौद्रिक समीक्षा के दौरान फिर ब्याज दरों में वृद्धि की उम्मीद कम ही है.

आरबीआई ने मार्च अंत तक महंगाई का अनुमान 7 फीसदी पर कायम रखा है.

Posted by राजबीर सिंह at 11:04 pm.

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