नई दिल्ली : रिमोट कंट्रोल से चलते है प्रधानमंत्री


नई दिल्ली, आँखों देखी संवाददाता : गाधीवादी अन्ना हज़ारे का कहना है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित होते है।हज़ारे ने कहा कि शुरू में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बहुत उम्मीदें थीं। वे और सोनिया गांधी आशा की किरण थे, पर बीच में क्या गड़बड़ हुआ, पता नहीं। सरकार पलट गई। मनमोहन सिंह के बारे में उन्होंने कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि वह ईमानदार प्रधानमंत्री हैं। लेकिन वह क्या कर सकते हैं? वह रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित हैं। यह ऐसा है जैसे कोई उनसे कहता हो कि चुप बैठो, नहीं तो कान कटेगा।

यह पूछे जाने पर कि योग गुरू रामदेव के आदोलन पर हुई पुलिस कार्रवाई की तरह अगर उनके आदोलन के खिलाफ भी ऐक्शन हुआ तो वह क्या करेंगे, उन्होने कहा कि तो ठीक है, मारो। मार खाते रहेंगे, देश की भलाई के लिए।

हजारे ने इंडिया टीवी के आप की अदालत कार्यक्रम में सवालों के जवाब में कहा कि, लेकिन मैं आप को यह बता दूं कि यह जन शक्ति है जो अपने अधिकार माग रही है और सरकार को इसे स्वीकार करना होगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रिमोट से संचालित होने के आरोपों को उन्होने 'बकवास' बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी किसी राजनीतिक दल के लिए काम नहीं किया है। मैं किसी दल में देश का भविष्य नहीं देखता हूं। उच्च पदों पर बैठे ये लोग झूठ फैला रहे हैं।

इस सवाल पर कि अगर लोकपाल भी विवादास्पद निकला तो क्या करेंगे, उन्होंने कहा कि अगर लोकपाल ने गड़बड़ किया तो पाच लोगों की हाई पावर कमेटी उसको निकाल देगी।

हज़ारे ने कहा कि लोकपाल विधेयक पारित नहीं होने पर वह 16 अगस्त से जंतर मंतर पर फिर से अनशन करेंगे और अगर सरकार उन्हें ऐसा करने से रोकेगी तो वह जेल जाएंगे।

पत्रकारों पर बढ़ते हमले रोकने के लिए कदम उठाए सरकार

नई दिल्ली। गाधीवादी अन्ना हज़ारे ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का ध्यान पत्रकारों पर बढ़ते हमलों की ओर आकर्षित कराते हुए उनसे अपील की कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की रक्षा के लिए कठोर कानून बनाने की जरूरत होगी।

हज़ारे ने आज प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह अपील की। उन्होंने इस पत्र की प्रति महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और राज्य के गृह मंत्री आर आर पाटिल को भी भेजी है।

पिछले दिनों मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार जे. डे की अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर देने की पृष्ठभूमि में गाधीवादी ने प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा है। हज़ारे ने पत्र में कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले पत्रकारों पर बढ़ते हमले भारत के जनतात्रिक ढ़ाचे के लिए गंभीर खतरा हैं। इस तरह के जघन्य हमलों को रोकने के लिए जल्द से जल्द कठोर कानून बनाने की जरूरत होगी। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस मुद्दे पर गौर करें और जरूरी कदम उठाएं।

गौरतलब है कि हज़ारे भ्रष्टाचार से निपटने के लिए भी सख्त लोकपाल कानून बनाने की माग कर रहे हैं। वह इसके लिए गठित हुई लोकपाल मसौदा समिति में बतौर सदस्य समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। लोकपाल के मुद्दे पर सरकार और हज़ारे पक्ष के बीच गंभीर मतभेद हैं।

Posted by राजबीर सिंह at 6:48 am.

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