विदेशी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति मिली कोल इंडिया कों
ताजा खबरें, व्यापार 9:22 pm
कोल इंडिया के अध्यक्ष एनसी झा ने कंपनी के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर कहा ‘केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने हमें गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी है.इस मामले में हमें मंत्रालय से स्पष्टीकरण मिल गया है.’
हालांकि, उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने ऐसे अधिग्रहणों के मामले में आंतरिक प्रतिफल की न्यूनतम 12 फीसद दर में पूरी तरह से छूट नहीं दी.
झा ने कहा ‘वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यदि वजह रणनीतिक हो तो 12 फीसद से कम प्रतिफल पर भी हम इस प्रस्ताव को आगे बढ़ा सकते हैं लेकिन इसकी मंजूरी वही देंगे.’ उन्होंने कहा कि सीआईएल को नौ से 12 फीसद आईआरआर की पेशकश वाले प्रस्ताव मिले हैं. वित्त मंत्रालय 12 फीसद से कम आईआरआर वाले इन सौदों की जांच करेगा.
दुनिया की यह सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी अभी तक विदेशों में अधिग्रहण का कोई सौदा नहीं कर पाई है. प्रक्रियाओं में लगने वाली देरी की वजह से ऐसा हो रहा है.
कंपनी ने इस मामले में दो मानकों में कुछ रियायत मांगी थी.पहला गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में भी हिस्सेदारी का अधिग्रहण और दूसरा ऐसे मामलों में भी मंजूरी जिनमें आंतरिक तौर पर प्रतिफल 12 प्रतिशत से भी कम रहे.
झा ने कहा कि अब वित्त मंत्रालय से स्थिति स्पष्ट होने के बाद वह कुछ प्रस्तावों को मंजूरी के लिये आगे बढ़ायेंगे.
कोल इंडिया फिलहाल दो कोयला संपत्तियों पर प्रस्ताव भेजेगा.
एक आस्ट्रेलिया और दूसरी इंडोनेशिया में है. उन्होंने हालांकि इनके नाम बताने से इंकार किया लेकिन कहा कि दोनों खदानों की क्षमता 50 लाख टन कोयले की है.
कोल इंडिया के इन दोनों खदानों में 30 से 40 फीसद तक हिस्सेदारी खरीदे जाने की संभावना है.
कंपनी ने विदेशों में अधिग्रहण के लिये 6,000 करोड़ रुपये की राशि रखी है.
कोयला कंपनियों में अधिग्रहण के साथ-साथ कोल इंडिया विदेशी सोतों से कोयले की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिये भी बातचीत के अंतिम चरण में है.उल्लेखनीय है कि देश में इस समय कोयले के उत्पादन और आपूर्ति में करीब 14 करोड़ 20 लाख टन का फासला है.