पीएसी पर राजनीतिक कड़वाहट बड़ी, जोशी चिदंबरम के निशाने पर
राजनीति 9:39 am

नई दिल्ली। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच पर संसद की लोक लेखा समिति की मसौदा रिपोर्ट को लेकर सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच शुक्रवार को कड़वाहट और बढ़ गई। केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने तथ्यों को 'पूरी तरह से तोड़-मरोड़' कर पेश किया।
भाजपा ने जहां इसे समिति को मजाक बनाने के लिए सत्ताधारी कांग्रेस और अन्य दलों की आलोचना की, वहीं कांग्रेस ने कहा कि जांच समिति के अध्यक्ष जोशी मसौदा रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए अपनी पार्टी की भाषा बोल रहे हैं।
जोशी को निशाने पर लेते हुए चिदम्बरम ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री को 15 जनवरी 2008 को लिखा गया पत्र 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के प्रवेश शुल्क के बारे में नहीं था।
उन्होंने कहा, "जोशी की मसौदा रिपोर्ट में तथ्यों को पूरी तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। यही नहीं रिपोर्ट में शरारतपूर्वक टिप्पणी की गई है कि मैंने प्रधानमंत्री से इस मामले को बंद करने की सलाह दी थी।"
उन्होंने दावा किया कि 'उनका पत्र स्पेक्ट्रम इस्तेमाल के शुल्कों से सम्बंधित था और उन्होंने राजस्व जुटाने के तीन उपायों के बारे में सलाह दी थी।
ज्ञात हो कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित वित्तीय अनियमितताओं पर मीडिया में लीक हुई समिति की मसौदा रिपोर्ट में वर्ष 2008 में केंद्रीय वित्तमंत्री रहे चिदम्बरम की भूमिका पर सवाल उठाया गया है। मसौदा रिपोर्ट में कहा गया कि समिति यह जानकर 'अवाक' रह गई कि उन्होंने अपने पत्र में इस बात के लिए हामी भरी कि स्पेक्ट्रम कीमतों का निर्धारण कम मूल्य एवं उपयोग की क्षमता पर होनी चाहिए।
कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "भाजपा और वाम पार्टियां कांग्रेस और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन जैसे धर्मनिरपेक्ष ताकतों को अस्थिर करने के लिए चरम अवसरवादिता एवं मिलीभगत का परिचय दे रहे हैं।"
सिंघवी ने कहा कि भाजपा और वाम पार्टियां समिति में एक साथ मिल गई हैं और उन्होंने जोशी को 'समिति का भाजपा अध्यक्ष घोषित कर दिया है।'
उन्होंने कहा, "समिति भाजपा-वाम पार्टी का एक मंच बन गई है। मसौदा रिपोर्ट को 30 अप्रैल से पहले अंतिम रूप देने के लिए जोशी द्वारा दिखाई गई जल्दबाजी का समर्थन वाम दल ने सक्रिय रूप से किया है।"
उधर, भाजपा ने इस समिति को 'मजाक' बनाने के लिए सत्ताधारी कांग्रेस और अन्य दलों की आलोचना की।
एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, "उन्होंने इसका मजाक बना दिया है।"
सिन्हा ने कहा, "लोक लेखा समिति लोकसभा की समिति है और केवल लोकसभा का सदस्य और मुख्य विपक्षी दल का सदस्य इसका अध्यक्ष हो सकता है। सत्ताधारी दल के राज्यसभा के सदस्य सोज को अध्यक्ष चुना गया है।"
गुरुवार को 21 सदस्यीय समिति की हुई बैठक में कांग्रेस, डीएमके, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के 11 सदस्यों ने 2जी मामले पर समिति की अंतरिम रिपोर्ट को खारिज करते हुए समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के इस्तीफे की मांग की।
रिपोर्ट में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की 'परोक्ष' भूमिका होने की बात कही गई है।
सिन्हा ने कहा, "अन्य समितियों में हम अन्य सदस्यों को पहले सवाल पूछने का मौका देते हैं लेकिन लोक लेखा समिति में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि अध्यक्ष पहले सवाल करेगा। इसके बाद अन्य सदस्यों को मौका दिया जाएगा। जो लोग यह पूछ रहे हैं कि जोशी ने पहले सवाल क्यों किया उन्होंने नियमों के बारे में नहीं पढ़ा है।"
जोश १८ से साभार





