पाक नेता झूठ बोलते रहे, ओसामा वहीं छुपा रहा!
दुनिया, देश-विदेश 9:34 pm
गौरतलब है कि पाकिस्तान के सभी प्रमुख नेताओं जिनमें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक और यहां तक कि भूतपूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भी अमेरिकी खुफिया इदारों से कह दिया था कि लादेन पाकिस्तान की जमीं पर नहीं है।
जरदारी ने कहा था कि मेरा खयाल है कि ओसामा मारा जा चुका है। यह और बात है कि जरदारी ने अपने बयान को मजूबत बनाने के लिए ऐसा कोई सबूत नहीं दिया था, जिससे यह साबित होता कि दुनिया का सबसे दुर्दांत आतंकवादी ओसामा मारा जा चुका है।
उनका यह बयान अमेरिका के उस बयान से बिलकुल उलट था, जिसमें वह कहता रहा था कि ओसामा जिंदा है और अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के कबायली इलाकों में छुपा हुआ है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने जब प्रधानमंत्री गिलानी पर दबाव बनाया कि वे ओसामा पर कार्रवाई करें, तो उन्होंने साफ कह दिया था कि अलकायदा और उसके सरगना ओसामा के बारे में उनके पास कोई खुफिया जानकारी नहीं है और उन्हें नहीं पता कि वह कहां है।
उन्होंने कहा था कि मुझे संदेह है कि आप जो सूचना हमें दे रहे हैं वह सही है, क्योंकि मैं नहीं समझता कि ओसामा पाकिस्तान में है।
उधर आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक ने सितम्बर 2009 में अमेरिका से कहा था कि अफगान पुलिस पाकिस्तान में आतंकवादियों के साथ लड़ रही है और लादेन ईरान, सऊदी अरब या यमन में हो सकता है।
भूतपूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने जनवरी 2008 में कहा था कि पाकिस्तान अलकायदा के नेता लादेन की खोज खासतौर से नहीं कर रहा है, क्योंकि उसके यहां होने का कोई सबूत नहीं है। लेकिन हम अलकायदा और तालिबान के आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई जरूर कर रहे हैं।
उन्होंने दलील देते हुए कहा था कि हम अलकायदा के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं और हमने उसके 700 नेताओं को पकड़ा, किस देश ने ऐसा किया है?
लेकिन अब ओसामा लादेन के मारे जाने की खबर सुनकर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने सोमवार को कहा कि उन्हें इस बात की बेहद हैरानी है कि अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन एबटाबाद में था, जो राजधानी इस्लामाबाद के बहुत नजदीक है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा वाशिंगटन में दुनिया के सबसे ज्यादा वांछित आतंकवादी लादेन के अमेरिकी सैन्य अभियान में मारे जाने की घोषणा करने के बाद मुशर्रफ ने समाचार चैनल सीएनएन-आईबीएन से कहा, "मुझे हैरानी है। मेरे पास ज्यादा जानकारी नहीं है।"
लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में हुए 9/11 आतंकवादी हमले के दौरान पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे मुशर्रफ ने कहा कि अमेरिकी सेनाओं का अभियान 'हमारी सम्प्रभुता का उल्लंघन' है।
उन्होंने कहा, "यदि विश्वास की कमी है तो यह बहुत खराब है। हम एक ही दुश्मन से लड़ रहे हैं।" मुशर्रफ ने कहा कि यह अभियान खुफिया तंत्र की नाकामी है, पाकिस्तान और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों दोनों की नाकामी।
राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने कहा कि पाक सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन में हिस्सा नहीं लिया। यह अमेरिकी सुरक्षा बलों का ऑपरेशन था ।
ज़रदारी ने कहा कि जो भी हुआ वह अमेरिकी नीति के तहत हुआ।
जोश १८ से साभार