अलकायदा की अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन को उड़ाने की साजिश


अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन को उड़ाने की साजिश रचने के आरोप में अलकायदा से जुड़े एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.

26 वर्षीय अमेरिकी नागरिक रिजवान फिरदौस पर अलकायदा को विदेशों में अमेरिकी सैनिकों पर हमले करने के लिए विस्फोटक सामग्री तथा संसाधन मुहैया करने के प्रयास का आरोप भी लगाया गया है. उसे मैसाचुसेटस के फ्रैमिंघम में गिरफ्तार किया गया है.

एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि जनता के लिए यह विस्फोट सामग्री कभी भी खतरनाक नहीं हो सकती थी क्योंकि इस पर गुप्त रूप से एफबीआई के अधिकारियों का नियंत्रण होता है.

एक हलफनामे के मुताबिक, 2011 के जनवरी की शुरुआत में सहयोग करने वाले गवाहों की रिकॉर्ड की गई बातचीत में फिरदौस ने बताया था कि उसने पेंटागन पर छोटे ड्रोन विमानों से हमला करने की साजिश रची थी. इसमें विस्फोटक होते और विमान को जीपीसी सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाना था.

अप्रैल 2011 में फिरदौस ने अपनी साजिश का विस्तार कर उसमें एक अन्य स्थान पर हमले को शामिल किया. 2011 के मई और जून में फिरदौस ने छिपा कर दो पेन ड्राइव सौंपे जिसमें पेंटागन और कैपिटॅल पर हमले की साजिश का कदम दर कदम निर्देश सहित ब्यौरा था.

साजिश के मुताबिक, इस हमले के लिए रिमोट कंट्रोल से चलने वाले तीन विमानों और छह व्यक्तियों का इस्तेमाल किया जाना था. जिसमें वह व्यक्ति भी शामिल था जिसने खुद को आमिर बताया है. अरबी भाषा में आमिर का मतलब नेतृत्व करने वाला होता है.

हलफनामे के मुताबिक, नार्थईस्ट विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक फिरदौस ने वर्ष 2010 की शुरुआत में अमेरिका के खिलाफ हिंसात्मक जेहाद करने की साजिश रचना शुरू किया.

फिरदौस के पास कई मोबाइल फोन थे जिनको उसने आईईडी के लिए इलेक्ट्रिक स्विच के तौर पर इस्तेमाल के लिए परिवर्तित कर दिया था. उसके बाद उसने इन फोनों को एफबीआई यूसीएस को भेज दिया था जिसे वह अलकायदा के वह सदस्य मान रहा था जो भर्ती करते थे.

हलफनामे के मुताबिक, फिरदौस को ऐसा लगता था कि इन उपकरणों के जरिए विदेश में रह रहे अमेरिकी सैनिकों को मारा जा सकता है. जून 2011 में हुई एक बैठक के दौरान जब उसे बताया गया कि उसके पहले फोन विस्फोटक उपकरण से इराक में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए और चार या पांच घायल हो गये हैं तो वह संतुष्ट प्रतीत हुआ था. फिरदौस ने कहा था निश्चित तौर पर वही हुआ जो मैं चाहता था.

कई बैठकों की रिकार्ड बातचीत के मुताबिक, फिरदौस अमेरिकियों को अल्लाह का दुश्मन मानता था और उनको मार कर अमेरिका पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना चाहता था.

हलफनामे के मुताबिक, फिरदौस चाहता था कि अमेरिका पर गुप्त तरीके से जोरदार हमला किया जाए. वह मानता था मैं नहीं रुक सकता, क्योंकि मेरे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है.

Posted by राजबीर सिंह at 3:09 am.

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