दिल्ली : बचत लैंप योजना में उपभोक्ताओं को 15 रुपए में मिलेगी "सीएफएल"

राजधानी में बिजली की खपत बढ़ती जा रही है. यह पांच हजार मेगावाट को पार कर गई है.

खपत कम करने में एनडीपीएल की बचत लैंप योजना अहम भूमिका अदा करेगी. यह बात मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बतौर मुख्य अतिथि बचत लैंप योजना के शुभारंभ मौके पर कही. कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री हारून यूसुफ,

मुख्य सचिव पीके त्रिपाठी, प्रधान ऊर्जा सचिव परिमल रॉय व भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य युवराज सिंह के अलावा बीईई के महानिदेशक अजय माथुर,सी क्वैस्ट कैपिटल के प्रबंध निदेशक मैथ्यू मेंडिस, एनडीपीएल के प्रबंध निदेशक सुनील बाधवा मौजूद थे. कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली सचिवालय के ऑडीटोरियम में किया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के कम उपयोग से कार्बन का उत्सर्जन कम होगा इससे बिजली कंपनियों को लाभ होगा, लेकिन बिजली की बचत से आम उपभोक्ता को लाभ होगा. कोयले और गैस की किल्लतसे बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है. कार्बन के कम उत्सर्जन से जलवायु परिवर्तन और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम होगा.

एनडीपीएल के प्रबंध निदेशक सुनील बाधवा ने कहा कि लोगों को बिजली की बचत के लिए जागरूक करने के लिए यह कवायद की जा रही है. सीएफएल पारंपरिक बल्व का बेहतरीन विकल्प है. यह बिजली की खपत पांच गुना कम करते हैं.

एनडीपीएल दिल्ली की पहली वितरण कंपनी है जिसने बीईई की बचत लैंप योजना को अपनाया है. इस योजना को सी क्वैस्ट कैपिटल की मदद से संचालित किया जाता है. सीएफएल की सप्लाई एनज्रेटिक इंडिया द्वारा की जा रही है. उपभोक्ताओं को यह 15 रुपए में मिलेगी. वितरण की जिम्मेदारी युवराज फाउंडेशन ने संभाली है.

एनडीपीएल के क्षेत्र में एक वर्ष (अक्टूबर 2011 से अक्टूबर 2012 के मध्य) में 22 लाख सीएफएल वितरित किए जाएंगे. बाधवा ने कहा चार पारंपरिक बल्वों के बदले चार सीएफएल दिए जाएंगे. केवल 60 और 100 वॉट के वल्वों के स्थान पर 11,14,18 व 20 वॉट के सीएफएल उपलब्ध कराए जाएंगे. यह सीएफएल करीब दस हजार घंटे जलता है जबकि दूसरे सीएफएल छह हजार घंटे जलते हैं. सीएफएल लगने से 65 मेगावाट बिजली की कमी आने की संभावना है. अक्टूबर 2012 तक वितरण का काम पूरा कर लिया जाएगा.

Posted by राजबीर सिंह at 8:29 pm.

ब्रेकिंग न्यूज़

 

2010-2011 आवाज़ इंडिया मीडिया प्रॉडक्शन. All Rights Reserved. - Designed by Gajender Singh