जहा दशहरे पर होता है पत्थर मार युद्घ

आँखों देखी न्यूज़ संवाददाता : : दशहरे के मौके पर देश के विभिन्न स्थानों पर रावण के पुतलों का दहन कर विजय पर्व विजयादशमी मनाई जाती है.

मगर मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता बल्कि राम-रावण की सेनाओं के बीच पत्थर मार युद्घ होता है.

इस युद्घ में राम सेना की जीत पर पूरा इलाका विजय के उत्सव में डूब जाता है.

विदिशा जिले के कालादेव गांव में दशहरा मनाने की यह अनूठी परम्परा है. यहां रावण के पुतले का दहन नहीं होता है. इस गांव के दशहरा मैदान में रावण की विशाल स्थायी प्रतिमा स्थापित है, जिसके सामने राम और रावण के दलों में पत्थर युद्घ होता है.

इस युद्घ की तैयारियां काफी पहले से शुरू हो जाती हैं. इसके लिए बड़ी मात्रा में पत्थरों का संग्रह किया जाता है.

दशहरे के दिन परम्परा के मुताबिक रावण प्रतिमा के सामने एक ध्वज लगाया जाता है. इस प्रतिमा के सामने कालादेव के लोग रामदल में तथा दूसरी ओर रावण दल होता है.

एक तरफ कालादेव के लोग रामदल के रूप में आगे बढ़ते हुए यह ध्वज छूने का प्रयास करते हैं, तो दूसरी ओर रावण दल के लोग उन पर पत्थर फेकते हैं. यह राम-रावण युद्घ का प्रतीक है.

इस युद्घ की खूबी यह है कि एक भी पत्थर रामदल के लोगों को नहीं लगते. वहीं दूसरी ओर यदि कोई व्यक्ति कालादेव का निवासी न हो और रामदल में शामिल हो तो उसे पत्थर लग जाते हैं. इस पत्थर युद्घ को देखने के लिए हजारों लोग जमा होते हैं.

संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा इस वर्ष भी कालादेव में इस अनूठे आयोजन में शामिल होकर परम्परागत रूप से दशहरा मनाएगें.

Posted by राजबीर सिंह at 10:45 pm.

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