हनीमून के लिए भारत आएंगे भूटान नरेश और उनकी पत्नी

परिणय सूत्र में बंधने वाले भूटान नरेश और उनकी पत्नी पेमा हनीमून के लिए भारत आएंगे.

भूटान नरेश नौ दिनों की यात्रा पर भारत आएंगे और द्विपक्षीय सम्बंधों को बढ़ावा देने के साथ-साथ राजस्थान में अपना हनीमून भी मनाएंगे.

भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक वर्ष 2008 में नवम्बर में अपनी ताजपोशी के बाद चौथी बार भारत के दौरे पर आ रहे हैं.

भूटान की रानी जेट्सन पेमा वांग्चुक का भूटान की रानी के रूप में भारत का यह पहला दौरा होगा. उन्होंने 31 वर्षीय भूटान नरेश से 13 अक्टूबर को शादी रचायी थी.

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भूटान नरेश और रानी भारत के दौरे के समय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मिलेंगे.

इस बीच नरेश की यात्रा के दौरान भूटान और भारत के बीच आपसी सहयोग के और आगे बढ़ने की सम्भावना है.

शाही जोड़ा राजस्थान के जयपुर, जोधपुर और उदयपुर भी जाएगा.

भूटान नरेश जिग्मे खेशर नामग्याल वांगचुक अपनी प्रेमिका जेतसन पेमा के साथ शादी के बंधन में बंध गए हैं.

दोनों का विवाह समारोह आज (गुरुवार) को एतिहासिक शहर पुंखा में बौद्ध भिक्षुओं की मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ.

खराब मौसम के बावजूद इस शाही शादी में भाग लेने और उसे देखने के लिए महिलाओं और बच्चों समेत देश के कोने-कोने से हजारों लोग सुबह पांच बजे से ही किले के बाहर जमा होने शुरू हो गए.

नरेश का विवाह राजधानी थिंपू से करीब 71 किलोमीटर दूर पुंखा शहर में 17वीं शताब्दी के एक किले में हो रहा है.

इस विवाह को करीब सात लाख लोग अपने घरों में टेलीविजन पर देख रहे हैं. इसका ‘भूटान ब्राडकास्टिंग सर्विस टीवी’ पर सीधा प्रसारण किया जा रहा है.

विवाह भूटानी बौद्ध परंपराओं के अनुसार होगा. शाही शादी आज सुबह चार बजे ब्रह्म मुहुर्त में 100 बौद्ध भिक्षुओं की विशेष प्रार्थना के साथ आरंभ हुई. प्रार्थना मुख्य बौद्ध पुरोहित जे. खेनपो की देखरेख में हुई.

भूटान नरेश 31 वर्षीय वांगचुक सुबह करीब आठ बजकर 20 मिनट पर प्रधानमंत्री जिग्मी वाई. थिनले और शाही भूटान पुलिस प्रमुख के साथ अपने महल से निकलकर सीधा विवाह स्थल पर पहुंचे.

नरेश का विवाह राजपरिवार के जिस किले में हो रहा है वह दो नदियों फोचु (पिता नदी) और मोचु (माता नदी) के बीच बना हुआ है.

भूटान के मुख्य भिक्षु जे. खेनपो ने शादी समारोह की रीतियों को आगे बढ़ाया जिसमें 31 वर्षीय नरेश वांगचुक ने 21 वर्षीय पेमा के माथे पर मुकुट रखा.

विवाह की कई रस्म संपन्न होने के बाद नरेश वांगचुक ने पीले रंग के जैकेट और स्कर्ट में सजी पेमा को मुकुट पहनाया. इसके बाद उन्हें ‘भूटान की महारानी’ के खिताब से नवाजा गया. पेमा आधिकारिक तौर पर भूटान की महारानी घोषित कर दी गई हैं.

भूटान की राजसी परंपराओं के अनुसार महारानी पेमा ने नरेश वांगचुक को तीन बार साष्टांग प्रणाम किया. उनका अभिवादन स्वीकार करते हुए नरेश मुस्कुरा उठे. इस रस्म के बाद दोनों को एक पेय दिया गया, मान्यताओं के अनुसार यह नवविवाहित जोड़े की लंबी आयु के लिए दिया जाता है.

नरेश की शादी के जश्न में भूटान में भारत के राजदूत पवन के. वर्मा, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम. के. नारायणन और राज परिवार के सदस्यों समेत करीब 300 मेहमानों ने हिस्सा लिया.

भूटान नरेश वांगचुक की शादी सुबह चार बजे से शुरू होकर करीब दो घंटे तक चली. इसके बाद उन्हें और पेमा को पति पत्नी घोषित कर दिया गया. शादी की रस्में पूरी होने के बाद दोनों बौद्ध मठ में विशेष रूप से व्यस्थित कक्ष में कैमरे के सामने आए.

शादी के जश्न में आए लोगों को भूटान की 20 घाटियों से आए 60 बेहतरीन रसोईयों के हाथों का बना हुआ पारंपरिक भूटानी भोजन परोसा गया. इस शाही दावत में कुछ भारतीय पकवान भी शामिल किये गये थे.

अपने सादगी और सरल प्रवृति के लिए मशहूर वांगचुक छह नवंबर 2008 में भूटान के राजा बने. उन्हें राजधानी की सड़कों पर साइकिल चलाना और लोगों को अपने घर चाय पर बुलाना बहुत पसंद है. आमतौर पर राजपरिवारों में ऐसा नहीं होता है.

Posted by राजबीर सिंह at 8:14 pm.

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