रायबरेली में दलित की फावड़ा मारकर हत्या

रायबरेली/ऊंचाहार [निज प्रतिनिधि]। कमोली गाव के रहनेवालेदलित सरदार पासी [55] को क्या यह मालूम था कि जिस फावड़े का उपयोग वह मिट्टी को खोदकर अन्न उपजाने के लिये करता है, वही एक दिन उसकी जान का दुश्मन बन जाएगा। मंगलवार को सरदार पासी का शव गाव के निकट उसके टयूबबेल से लगभग दो सौ मीटर दूर एक गलियारे में पड़ा पाया गया। शव के समीप ही उसका फावड़ा मिला और शरीर पर फावड़े के द्वारा हत्या किये जाने के निशान भी। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर छानबीन प्रारंभ कर दी है और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट ने भी नमूने ले लिए हैं।

पुलिस अधीक्षक लक्ष्मीनारायण ने मौके पर पहुंचकर वास्तविकता को जानने का प्रयास किया।

पिछले 7-8 वषरें से पत्नी सरितादेवी से अलग गाव के पास ही ट्यूबवेल पर रहनेवाले सरदार पासी ने मई के महीने मे जिलाधिकारी के सामने ऊंचाहार तहसील दिवस पर जिलाधिकारी को शिकायतीपत्र देकर आशका जताई थी कि उसकी पत्नी व उसके सहयोगी हत्या करा सकते हैं।

उसने अपने पत्र में लिखा था कि सरिता से उसने गंधर्व विवाह किया था। सरिता की यह दूसरी शादी है। जमीनी विवाद के कारण वह अपनी पत्‍‌नी से अलग रहता है। उसके तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा जमीन में सहखातेदार है। पत्नी जमीन को बेंचना चाहती है। बड़े बेटे राजू को पत्नी व उसके सहयोगियों ने पिछले दिनों काफी अपमानित किया और उसे गायब कर दिया। उसने बेटे के साथ किसी भी तरह की घटना हो सकती है। उसने आशका जतायी थी कि उसकी भी हत्या की जा सकती है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हत्या का मामला जमीन के विवाद के साथ ही अवैध संबंधों का भी है। पति और पत्‍‌नी, दोनो ही पहले से कई विवाह कर चुके हैं। जमीन को लेकर रंजिश की बात उन्होंने स्वीकार की

Posted by राजबीर सिंह at 6:40 am.

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