ब्याज दरों में फिर से बढ़ोत्तरी संभव : रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया

देश में बढ़ रही महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही, रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में एक बार फिर से बढ़ोत्तरी के संकेत दिए हैं.

दहाई अंक के आसपास चल रही मुद्रास्फीति को देखते हुये रिजर्व बैंक ने कल घोषित होने वाली ऋण एवं मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा में अल्पकालिक नीतिगत ब्याज दरों में एक और वृद्धि का संकेत दिया है, हालांकि, बैंक ने यह भी संकेत दिया है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार कुछ और धीमी पड़ सकती है.

रिजर्व बैंक की जारी वृहत आर्थिक समीक्षा में कहा गया है, ‘‘उच्च मुद्रास्फीति की मौजूदा दौर में आर्थिक वृद्धि में थोड़ी कमी अवश्यंभावी है.’’ केन्द्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान पहले आठ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया था लेकिन आज जारी समीक्षा में उसने कहा है कि वैश्विक कारकों और घरेलू परिस्थितियों को देखते हुये इसमें कुछ कमी रह सकती है.

रिजर्व बैंक महंगाई को काबू में रखने के लिये पिछले साल मार्च के बाद से 12 बार अल्पकालिक नीतिगत दरों में वृद्धि कर चुका है. बावजूद इसके गत 8 अक्तूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति दहाई अंक पर पहुंचकर 10.62 प्रतिशत हो गई. इससे पहले सितंबर महीने के मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किये गये जिसमें थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित सकल मुद्रास्फीति 9.72 प्रतिशत रही.

व्यापक आर्थिक परिवेश पर गौर करते हुये रिजर्व बैंक ने केन्द्र सरकार के वित्तीय घाटे, विनिवेश से होने वाली प्राप्ति और ऊंचे चालू खाते के घाटे पर भी चिंता जताई है.

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक उपक्र मों में विनिवेश से 40,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन आधा साल निकल चुका है इस दिशा में सरकार को कोई सफलता नहीं मिली है. इससे वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के समक्ष 4.6 प्रतिशत के बजट अनुमान के भीतर रखना मुश्किल हो गया है.

Posted by राजबीर सिंह at 8:23 pm.

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