क्या करीना अपनाएंगी मुस्लिम धर्म ?

नवाब की उपाधि मिलने के बाद अब सैफ अली खान मुस्लिम धर्म की महिला से ही शादी कर सकते हैं.

पिता मंसूर अली खान पटौदी की मौत के 40 दिन बाद अभिनेता सैफ अली खान को पटौदी की नवाबीयत सौंप दी गयी.

52 गांव के लोगों ने सैफ को बड़े ही प्यार और भरोसे के साथ पगड़ी पहनाई.

इस मौके पर सैफ की मां शर्मिला टैगोर, दोनों बहनें सोहा अली खान और सबा अली खान के अलावा केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा भी मौजूद थे.

लेकिन शायद अब आने वाले दिनों में उन्हें अपनी जिंदगी के फैसले को नवाब के हिसाब से लेना होगा इसलिए हो सकता है कि अगले साल करीना के साथ विवाह बंधन में बंधने का फैसला करने वाले सैफ की होने वाली बेगम करीना को अब थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़े.

क्योंकि सियासत के नियमों के मुताबिक कोई मुस्लिम महिला ही नवाब की बेगम हो सकती है. इसलिए सालों पहले जब पदौदी यानी की सैफ के पिता ने मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी की थी तो शर्मिला को भी अपना धर्म परिवर्तन करवाना पड़ा था. और शर्मिला को बेगम आयशा सुल्तान बनना पड़ा था.

हालांकि कुछ साल पहले सैफ अली खान की पहली शादी भी एक हिंदू महिला अभिनेत्री अमृता सिंह के साथ हुई थी. तब अमृता को मुस्लिम नहीं बनना पड़ा था क्योंकि सैफ तब नवाब नहीं बल्कि नवाब के बेटे थे.

हालांकि यह महज किताबी रस्म है. नवाब और राजा की जैसे पदों को सरकार पहले ही खत्म कर चुकी है. नाम के आगे नवाब और राजा लिखना कानून सम्मत भी नहीं है.

उल्लेखनीय है कि सैफ के पिता नवाब पटौदी का फेफड़े की बीमारी के चलते 22 सितंबर को दिल्ली में निधन हो गया था. वह 70 वर्ष के थे.

23 सितंबर को पटौदी को उनके पुश्तैनी महल इब्राहिम पैलेस में सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. उनकी कब्र उनके पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी की कब्र के बगल में बनी जो भोपाल के आखिरी सत्तारूढ़ नवाब थे.

Posted by राजबीर सिंह at 5:45 am.

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