हरिद्वार : निगमानंद के पार्थिव शरीर पर शुरू हुई हक की लड़ाई


आँखों देखी न्यूज़ : गंगा बचाने के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले स्वामी निगमानंद की मौत पर अब नया विवाद खड़ा हुआ है. विवाद परिवार और आश्रम के बीच है. आश्रम ने उनकी समाधी की तैयारी की है तो अब उनके परिवार वाले अंतिम संस्कार का हक चाहते है।

स्वामी निगमानंद की मौत के बाद अब उनके पार्थिव शरीर पर हक की लड़ाई शुरु हो गई है. स्वामी के गुरु शिवानंद ने उन्हें आश्रम में ही समाधी देने की तैयारी की है जबकि उनका परिवार स्वामी निगमानंद के अंतिम संस्कार का हक चाहता है.

स्वामी के गुरु शिवानंद किसी भी कीमत पर निगमानंद का शव किसी और को सौंपने के तैयार नहीं. निगमानंद के परिवार ने तो ये भी आरोप लगाया है कि अपने स्वार्थ के लिए उनके गुरु और सहयोगियों ने उन्हें जबरन अनशन पर बिठाया था. परिवार के इन आरोपों पर प्रशासन ने जांच के आदेश भी दे दिए हैं.

विवाद स्वामी निगमानंद की मौत पर भी है. गुरु शिवानंद और उनके एक सहयोगी ने आरोप लगाया है कि निगमानंद की मौत अनशन से नहीं हुई बल्कि उन्हें अस्पताल में जहर का इंजेक्शन दिया गया था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी इन आरोपों को मजबूती मिली है.

लैब की रिपोर्ट के मुताबिक निगमानंद के खून में आर्गेनोफास्फेट पाए गए. ऑर्गेनोफास्फेट का इस्तेमाल कीटनाशक में होता है. हांलाकि जिला अस्पताल के मुख्य स्वास्थ्य अधीक्षक ने स्वामी शिवानंद के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.

उनके मुताबिक खून में आर्गेनोफास्फेट पाए जाने का मतलब ये नहीं जहरीला इंजेक्शन दिया गया. कुपोषण भी इसकी वजह हो सकती है.

हरिद्वार में गंगा बेसिन पर खनन के खिलाफ 115 दिनों के अनशन के बाद स्वामी निगमानंद की मौत हो गई थी. अब उनकी मौत में पेंच आने के बाद जिला प्रशासन ने मेडिकल लीगल बोर्ड का गठन कर दिया

Posted by राजबीर सिंह at 5:17 am.

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