कनिमोझी को जेल में ही मनानी होगी दिवाली, नहीं मिली जमानत

टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में कनिमोझी को आज जमानत नहीं मिल पाई. फैसला 3 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रखा गया है.

कनिमोझी को अब कम से कम 3 नवंबर तक जेल में रहना होगा और दिवाली भी जेल में ही मनेगी.

सीबीआई की विशेष अदालत ने कनिमोझी की जमानत याचिका पर 3 नवंबर तक फैसला सुरक्षित रखा है.

वैसे सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि कमिमोझी को जमानत दिए जाने पर उसे एतराज नहीं है.

पटियाला हाउस कोर्ट में सीबीआई ने कहा कि अदालत चाहे तो जमानत दे सकती है.

सीबीआई ने कहा कि उसे 5 आरोपियों के जमानत पर कोई एतराज नहीं है.

कमिमोझी ने टू-जी मामले में आरोप तय होने के दो दिन बाद जमानत अर्जी दाखिल की थी.

द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की 43 वर्षीय पुत्री कनिमोझी 20 मई से जेल में हैं.

आरोप तय

इसके पहले शनिवार 22 अक्तूबर को 2जी घोटाले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा समेत 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए.

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बहुचर्चित 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में पूर्व संचार मंत्री ए राजा और द्रमुक सांसद कनिमोझी समेत सभी 17 लोगों के खिलाफ साक्ष्यों को प्रथम दृष्टया पर्याप्त मानते हुए इनके विरुद्ध आरोप तय किए जाने का शनिवार को आदेश दिया.

पटियाला हाउस स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश ओपी सैनी ने 700 पन्नों से अधिक के अपने आदेश में कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.

अदालत ने सभी आरोपियों पर धोखाधड़ी आपराधिक षड़यंत्र और विश्वसभंग करने के आरोप तय करने के आदेश दिए हैं.

न्यायाधीश सैनी ने आरोपियों के खिलाफ आगामी 11 नवम्बर से औपचारिक रूप से मुकदमा शुरू करने का आदेश भी दिया.

सभी आरोपियों ने स्वयं पर लगाये गए आरोपों को नकारा है.

तीन लोगों पर 409 के तहत मुकदमा चलेगा. ए राजा, सिद्धार्थ बेहुरा और आर के चंदोलिया के खिलाफ 409 के तहत मुकदमा चलेगा.

दोषी पाए जाने पर उम्रकैद की सजा हो सकती है.

सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगा है. जबकि यूनिटेक के संजय चंद्रा पर धारा 420 के तहत मुकदमा चलेगा.

डीएमके प्रमुख की बेटी कनिमोझी पर 120 बी के तहत मुकदमा चलेगा. कमिमोझी पर आपराधिक साजिश का आरोप लगा है. उन्हें 5 साल की सजा हो सकती है.

अदालत ने इस मामले में राजा और दो अन्य सरकारी अफसरों के खिलाफ आपराधिक विश्वास हनन के नए आरोप संबंधी सीबीआई की याचिका को भी मंजूरी दे दी है.

मामले में दूरसंचार कंपनियों रिलायंस टेलीकाम, स्वान टेलीकाम और युनिटेक वायरलेस पर आपराधिक साजिश रचने और उसमें सहायक होने का आरोप तय किए गए.

अदालत को रिलायंस एडीएजी के तीन बड़े अधिकारियों गौतम दोषी, सुरेन्द्र पिपारा और हरि नायर के खिलाफ धोखाधड़ी एवं आपराधिक साजिश में सहायक होने के शुरुआती प्रमाण भी मिले हैं.

कनिमोझी सहित सभी 17 आरोपियों ने आरोप तय किए जाने से पहले आदेश को विस्तारपूर्वक पढ़ने का समय मांगा.

पटियाला हाउस कोर्ट में जज जब फैसला सुना रहे थे तब कोर्ट में सभी आरोपी मौजूद थे.

क्या है 2जी घोटाला ?

2008 में टेलीकॉम विभाग ने देश के 17 सर्किल में मोबाइल सेवा के लिए चार कंपनियों को स्पेक्ट्रम अलॉट किए.

तभी से विभाग पर कुछ खास कंपनियों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगने लगे.

वैसे अक्तूबर 2008 में ही सीबीआई ने उस मामले में पहली एफआईआर दर्ज की.

सुप्रीम कोर्ट की फटकार

लेकिन इस मामले की असल जांच शुरू हुई सुप्रीम कोर्ट में सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका के बाद.

जब सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई तब जाकर सीबीआई जांच के प्रति गंभीर हुई.

एजेंसी ने 3 अप्रैल 2011 को इस केस में पहली चार्जशीट दाखिल की.

इस चार्जशीट में तत्कालीन संचार मंत्री ए राजा, स्वॉन टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद बलवा, तत्कालीन संचार सचिव आर के चंदोलिया और राजा के पीएस सिद्धार्थ बेहुरा को आरोपी बनाया.

राजा, चंदोलिया और बेहुरा पर सीबीआई ने स्पेक्ट्रम के बदले रिश्वत लेने, अपने पद का दुरुपयोग करने, आईपीसी की धारा 420धोखाधड़ी, 467जालसाजी और 120बी आपराधिक षडयंत्र के आरोप लगाए.

जबकि शाहिद बलवा पर आपराधिक षडयंत्र (120बी) के अलावा रिश्वत देने के आरोप भी लगाए गए.

सराकरी खजाने को चूना

सीबीआई ने चार्जशीट में कहा कि ए राजा ने अपनी मनपसंद कंपनियों के स्पेक्ट्रम लाइसेंस दिए जिससे सरकारी खजाने को 20 हजार करोड़ रुपए का चूना लगा.

24 अप्रैल को सीबीआई ने दूसरी चार्जशीट दाखिल की.

इस चार्जशीट में डीएमके प्रमुख करुणानिधि की बेटी और राज्यसभा सांसद कनिमोझी का भी नाम था.

कनिमोझी के अलावा कलिंगनर टीवी के शरद कुमार, कुसे गांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल के आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल और सिनेयुग के करीम मोरानी का भी नाम शामिल था.

कॉरपोरेट घराने की बड़ी हस्तियां शामिल


चार्जशीट में तीन कॉरपोरेट घराने की पांच बड़ी हस्तियों को भी आरोपी बनाया गया.

जिसमें डीबी रियल्टी के विनोद गोयनका, रिलायंस एडीएजी के गौतम दोषी, हरि नायर और सुरेन्द्र पिपारा और यूनिटेक के संजय चंद्रा शामिल रहे.
इन सभी पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार निरोधी कानून और 120बी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया.

पिछले महीने सीबीआई ने एक और अर्जी दाखिल की जिसमें ए राजा, सिद्धार्थ बेहुरा और आर के चंदोलिया पर धारा 409 यानी सरकारी काम में आपराधिक लापरवाही और बाकी सब पर इस काम के लिए उकसाने के आरोप बढ़ाने की मांग की गई.

Posted by राजबीर सिंह at 5:18 am.

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