वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच करा लें सरकार: अरविंद केजरीवाल
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वित्तीय अनियमितता के आरोपों का सामना कर रहे केजरीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी जांच कराए और गलत पाए जाने पर सजा दिलाए, परन्तु लोकपाल तो लाना ही पड़ेगा.
साथ ही उन्होंने इस ‘‘कलंकित अभियान’’ पर सवाल भी खड़े किये.
खुद का और किरण बेदी का बचाव करते हुए केजरीवाल ने मंगलवार को कहा, ‘‘अगर किसी को रेलवे में टिकट की ज़रूरत है और उसने टिकट जांचने वाले को भुगतान किये तो वह व्यक्ति सुरेश कलमाड़ी पर सवाल खड़ा नहीं कर सकता? क्या यह संदेश दिया जा रहा है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप कहना चाहते हैं कि 120 करोड़ लोगों में से सिर्फ संत ही संप्रग सरकार के भ्रष्टाचार पर सवाल खड़ा कर सकेंगे और सरकार लोगों को लूटती रहेगी? अगर कोई सवाल पूछता है तो उस व्यक्ति से कहा जाएगा कि पहले वह अपना मामला देखे.’’ उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह दुर्भावनापूर्ण अभियान जारी रहा तो अगला आंदोलन दस गुना बड़ा होगा.
लोकपाल लाना पड़ेगा
स्वामी अग्निवेश ने केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि हजारे आंदोलन के लिये मिल रहे दान को वह खुद के न्यास में लगा रहे हैं. केजरीवाल ने कहा कि अगर उन्होंने गलतियां की हैं तो सरकार जांच करने और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने को स्वतंत्र है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें माफ मत कीजिए. आम आदमी की तुलना में हमें दोहरा दंड दीजिए. लेकिन लोकपाल लाईए और आपको लाना पड़ेगा.’’
केजरीवाल ने कहा कि भ्रष्टाचार आंदोलन से ध्यान भटकाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘किरण बेदी ने बिल का भुगतान किया या नहीं, यह राष्ट्रीय मुद्दा बन गया. इससे देश को लाभ नहीं होगा. यह तभी उपयोगी होगा जब लोकपाल आयेगा. सरकार को समझना चाहिए कि उनके तरीके एवं व्यवहार से लोगों के बीच गुस्सा बढ़ रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर ये दुर्भावनापूर्ण प्रचार जारी रहे तो इस देश के लोग सब कुछ देख रहे हैं और अगला आंदोलन दस गुना बड़ा होगा.’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘किरण बेदी ने अगर कोई अपराध किया है तो उन्हें लटका दीजिए. उन्हें जेल भेज दीजिए लेकिन लोकपाल विधेयक पर बात कीजिए. उन्होंने जो भी गलती की है, उसकी जांच कीजिए और उन्हें सजा दीजिए लेकिन हम किसी संवाददाता सम्मेलन में यह निर्णय नहीं कर सकते कि आरोप सही हैं या गलत.’’